Purushottam Yog Adhyay
क्योंकि मैं ही क्षर और अक्षर दोनों से परे स्थित सर्वोत्तम हूँ, इसलिये इसलिए संसार में तथा वेदों में पुरुषोत्तम रूप में विख्यात हूँ৷
الفئة
عرض المزيد
تعليقات - 0
مقاطع الفيديو ذات الصلة على Bhagwat - Geeta Adhyay 15 - 18 | Purushottam Yog | Sanskrit Pronunciation: