المدة الزمنية 2:18

Bhagwat - Geeta Adhyay 15 - 13 | Purushottam Yog | Sanskrit Pronunciation

بواسطة The Sanskrit
136 مشاهدة
0
13
تم نشره في 2020/04/25

Purushottam Yog Adhyay मैं ही प्रत्येक लोक में प्रवेश करके अपनी शक्ति से सभी प्राणीयों को धारण करता हूँ और मैं ही चन्द्रमा के रूप से वनस्पतियों में जीवन-रस बनकर समस्त प्राणीयों का पोषण करता हूँ৷

الفئة

عرض المزيد

تعليقات - 0