सूर्यकुंड मन्दिर, जिस पर सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता
सुरेंद्र मेहता यमुनानगर,
हरियाणा के जिला यमुनानगर के गांव अमादलपुर में है सूर्यकुंड मन्दिर, जिस पर सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए सूर्य ग्रहण के दिन साधू संत और श्रद्धालु दूर-दूर से यहां माथा टेकने आते हैं। पूरे भारत वर्ष में केवल दो ही ऐसे मंदिर हैं जहां सूर्य ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ता।
यमुनानगर में स्थित इस सूर्य कुंड मंदिर का अलौकिक नजारा देखने को मिलता है। मन्दिर में आते ही जहां सकून मिलता है वहीं विधि विधान से पूजा करने से मनोकामना शीघ्र पूरी होती हैं।
यमुनानगर में स्थित सूर्यकुंड मन्दिरमें सूर्य ग्रहण के मौके पर भी ये मन्दिर खुले होते हैं। बताया जाता है कि भारत वर्ष में इस तरह के 68 कुंड है लेकिन पूरे भारतवर्ष मे सूर्यकुंड मन्दिर केवल दो ही हैं।एक मंदिर है उड़ीसा का कोणार्क और दूसरा है हरियाणा के यमुनानगर में स्थित सूर्यकुंड मन्दिर। मन्दिर के पुजारी स्वामी सुरेश ने बताया कि सूर्यग्रहण के समय मन्दिर के प्रांगण में आने-वाले किसी भी प्राणी पर ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ता। स्वामी सुरेश ने बताया कि मन्दिर के प्रांगण में सूर्य कुंड इस प्रकार से बना है कि सूर्य की किरणें इस प्रकार पड़ती हैं कि वो कुंड मे ही समा जाती हैं।
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